अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट वर्कर्स पार्टी (ICWP) साम्यवाद के लिए जनता को लामबंद करने में हमारे साथ जुड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक वर्ग को बुलावा देती है। यह वह सिद्धांत है जिसके द्वारा हम पूंजीवाद को उखाड कर फ़ेंक देंगे, और जिससे हम साम्यवाद का निर्माण करेंगे। हम साम्यवाद के लिए लड़ते हैं क्योंकि केवल साम्यवाद हमें उस चीज़ से मुक्त कर सकता है जिसे लेनिन ने पूंजीवाद का “बिना अंत के आतंक” कहा था। साम्यवाद के तहत, पार्टी सभी के रोटी, मकान, सेहत सेवा और अन्य सभी जरूरतों को मुफ्त में देने के लिए जनता को जुटाएगी।
हम साम्यवाद के लिए लड़ते हैं, “लोकतंत्र” के लिए नहीं, न “राष्ट्रीय मुक्ति” के लिए, न कि “प्रगतिशील” पूंजीवाद के लिए और, सबसे महत्वपूर्ण, समाजवाद के लिए नहीं। इतिहास दिखाता है कि समाजवाद सीधे पूंजीवाद की ओर जाता है। असल में समाजवाद पूंजीवाद का एक रूप हैं – राज्य पूंजीवाद। जिन साम्यवादियों ने समाजवाद का प्रबंधन किया (जैसे रूस और चीन में) अंततः वह
संशोधनवादी बन गये।वह पूंजीवादी थे, कम्युनिस्टों के वेश में।
एक साम्यवादी क्रांति के लिये करोडों कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं की जरूरत हैं, जो इस बात से सहमत है कि कम्युनिस्ट क्रांति ही एकमात्र समाधान है। इस कारण से ICWP एक ऐसी जनसमुदायिक पार्टी है, जिस को साम्यवादिक क्रांतिकारियों की जरूरत हैं।
क्रांति सफल होने पर और सत्ता संभालते ही हम साम्यवाद के निर्माण के लिए जनता को लामबंद करेंगे। इसका अर्थ है सभी प्रकार के धन का उन्मूलन, कमोडिटी उत्पादन (एक आर्थिक बाजार के लिए माल का उत्पादन), मजदूरी प्रणाली और किसी भी प्रकार के विशेषाधिकार का भी उन्मूलन । श्रमिकों को व्यक्तिगत लाभ से नहीं, बल्कि संभावना से और एक सांप्रदायिक समाज में रहने के अनुभव से प्रेरित किया जाएगा। हम शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आवास और परिवहन सहित समाज के सभी पहलुओं को अच्छी तरह से पुनर्निर्माण करेंगे।
हमारी अग्रता होगी, जातिवाद, लिंगवाद और भेदभाव के अन्य रूपों को उजाड़ना। जातिवाद या लिंगवाद, चाहे वह शब्द में हो या काम में, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन हमें और भी आगे बढ़ना चाहिए, और नस्लवाद और लिंगवाद के भौतिक आधार को जड़ से खत्म करना चाहिए।
पैसे का उन्मूलन अपने आप में एक शक्तिशाली झटका होगा। जब कोई मजदूरी प्रणाली नहीं होगी तो नस्लवाद, जातिवाद या लिंगवाद के आधार पर वेतन में अंतर नामुमकिन होगा। वर्तमान में पूंजीपतियों को इस प्रकार के भेदभाव को बनाए रखने के लिए एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन है। भोजन और आश्रय का आवंटन करने में, पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा
कि कोई भी समूह उचित हिस्सेदारी से कम प्राप्त न करे। अंत में, हम अलगाव को समाप्त कर देंगे।
अतीत में कम्युनिस्ट संघटन अक्सर सुधार संघर्षों में जुट जाते थे। सिद्धांत यह था कि सुधारों के संघर्ष की गर्मी में, श्रमिकों की चेतना अनायास कम्युनिस्ट चेतना में बदल जाएगी। लेकिन इस तरह के सिद्धांत आज तक असफल रहे हैं।
साम्यवाद के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाने का मतलब है, सबसे पहले, उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी – आई.सी.डब्ल्यू.पी. (ICWP) में शामिल होना।
जीत को मापने के लिये हम देख्ते हैं की कितने हिस्से में हमारा अख़बार, लाल झंडा, पढ़ा, बेचा जा रहा हैं और कितने कार्यकर्ता इसमें लिखने के लिए जुटे हैं। हम कम्युनिस्ट विचारों पर बहस करने और उन्हें वर्ग संघर्ष में अभ्यास करने के लिए नौकरी, सेनावास और कक्षाओं पर केंद्रित अध्ययन समूह बनाते हैं। हम साम्यवाद के लिए जनता को जुटाने के उद्देश्य से हर वास्तविक लड़ाई में भाग लेते हैं।
अतिउत्पादन के निरंतर संकट और निरंतर वित्तीय अस्थिरता से स्पष्ट है कि पूंजीवाद भोजन और सिर पर छत का आश्वासन भी नहीं दे सकता है। यह जाहिर हैं की पूंजीवादियों के लगातार “छोटे” युद्ध और विश्व युद्ध में सिर्फ पूंजीवादियों का लाभ हैं। यह भी स्पष्ट हैं की पूंजीवाद को नष्ट करने से पूरी दुनिया का सिर्फ कल्याण ही हो सकता हैं ।
दुनिया के क्रांतिकार्यों को हम बुलाव देते हैं की साम्यवाद के लिए जनता को लामबंद करने में हमारा साथ दें। हमारी जीत का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है।